महाराणा प्रताप महाविद्यालय: एक परिचय
शिक्षा के प्रयास को लोक जागरण एवं राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का सशक्त माध्यम स्वीकार करते हुए ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज ने शैक्षिक दृष्टि से अत्यन्त पिछड़े पूर्वी उत्तर प्रदेश के केन्द्र एवं अपनी कर्मस्थली गोरखपुर में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक की शिक्षण संस्थाओं को संचालित करने हेतु महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् की १९३२ ई० में स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अविस्मरणीय भूमिका की नींव रखी। महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड ..।
प्राचार्य
डॉ० राव 7 संस्थाओं के संस्थापक हैं तथा विभिन्न संस्थाओं में सदस्य नामित हैं जिनमें सदस्य कार्यकारिणी, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ: सदस्य, साधारण सभा, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ; सदस्य, अधिशासी समिति, महायोगी गोरक्षनाथ शोधपीठ, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुरः सदस्य कार्यपरिषद्, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर आदि प्रमुख हैं।
आप 2005 से महाराणा प्रताप स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, जंगल धूसड़, गोरखपुर के संस्थापक प्राचार्य है।
सम्प्रति आप कुलसचिव, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम, गोरखपुर में अपनी सेवा दे रहे हैं।